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natural disaster

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natural disaster  is a major  adverse event  resulting from  natural processes  of the  Earth ; examples are  floods ,  hurricanes ,  tornadoes ,  volcanic eruptions,  earthquakes ,  tsunamis ,  storms , and other geologic processes. A natural disaster can cause loss of life or damage property, [1]  and typically leaves some economic damage in its wake, the severity of which depends on the affected population's  resilience  (ability to recover) and also on the infrastructure available. [2] An adverse event will not rise to the level of a disaster if it occurs in an area without  vulnerable  population. [3] [4]  In a vulnerable area, however, such as  Nepal during the 2015 earthquake , an earthquake can have disastrous consequences and leave lasting damage, which can require years to repair. In the whole world  only one person can stop these natural disaster . The name of person is Jagat guru saint Rampal Ji maharaj , he is a second face of kabir god. You all must

पर्यावरण और संत रामपाल जी महाराज

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पूंजीवादने की पर्यावरण की अपरिमित हानि ! पूंजीवादद्वारा हुई पर्यावरण की अपरिमित हानि कभीभी भरनेवाली नहीं है । पोन यू नामक चीनी तज्ञ का कहना है कि, ‘यूरोपने पिछली शताब्दी में विकास के नामपर पर्यावरण का जितना विनाश किया, उतना विनाश हमने तीन दशकों में किया है ।’ विज्ञानके कारण हुए प्रदूषणसे विश्व पर्यावरण धोखेमें ! ‘नोबेल पारितोषिक’ विजेता ‘अर्नेस्य’ने ३१.१.२००३ को नई दिल्लीमें हुए ‘अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थामें’ ‘शोध एवं शिक्षासे परे हमारे सामाजिक कर्तव्य’के विषयपर बोलते हुए कहा, ‘मुक्त अर्थव्यवस्थामें आज केवल मूल्य नहीं अपितु केवल लाभ ही महत्त्वपूर्ण होनेसे नैतिक प्रदूषण निर्माण हुआ है । नैतिक प्रदूषण इतना अधिक हो गया है कि, इस अधःपतनके कारण समाजकी प्रकृतिके विषयमें गैरजिम्मेदारी बढ गई है, उसी कारण जागतिक पर्यावरण संकटमें आ गया है ।’ प्रकृतिपर मानव अत्याचार करेगा, तो प्रकृति भी उसका बदला लेगी ! ‘प्रकृतिपर मानव अत्याचार करेगा, तो प्रकृति भी उसका बदला लेगी । उर्जा का अभाव, अनावृष्टि, अकाल, वांशिक संघर्ष, नैतिक अधःपतन, भीषण रोगों का प्रादुर्भाव तथा अंत में महायुद्ध ! वर्षा

अन्य संतों द्वारा सृष्टि रचना की दन्त कथा

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अन्य संतों द्वारा सृष्टि रचना की दन्त कथा‘ अन्य संतों द्वारा जो सृष्टि रचना का ज्ञान बताया है वह कैसा है?कृप्या निम्न पढ़ें :- सृष्टि रचना के विषय में राधास्वामी पंथ के सन्तों के वधन-धन सतगुरू पंथ के सन्त के विचार :-पवित्रा पुस्तक जीवन चरित्रा परम संत बाबा जयमल सिंह जी महाराज‘‘ पृष्ठ नं.102-103 से ‘‘सृष्टि की रचना‘‘ (सावन कृपाल पब्लिकेशन, दिल्ली)‘‘पहले सतपुरुष निराकार था, फिर इजहार (आकार) में आया तो ऊपर के तीन निर्मलमण्डल (सतलोक, अलखलोक, अगमलोक) बन गया तथा प्रकाश तथा मण्डलों का नाद(धुनि) बन गया।‘‘पवित्रा पुस्तक सारवचन (नसर) प्रकाशक :- राधास्वामी सत्संग सभा, दयालबागआगरा, ‘‘सृष्टि की रचना‘‘ पृष्ठ 8 रू.‘‘प्रथम धूंधूकार था। उसमें पुरुष सुन्न समाध में थे। जब कुछ रचना नहीं हुई थी। फिरजब मौज हुई तब शब्द प्रकट हुआ और उससे सब रचना हुई, पहले सतलोक और फिरसतपुरुष की कला से तीन लोक और सब विस्त्तार हुआ।‘‘यह ज्ञान तो ऐसा है जैसे एक समय कोई बच्चा नौकरी लगने के लिए साक्षात्कार(इन्टरव्यू) के लिए गया। अधिकारी ने पूछा कि आप ने महाभारत पढ़ा है। लड़के नेउत्तर दिया कि उंगलियों पर रट रखा है। अधिकारी न

Allah_Not_Allowed_EatMeat

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अगर मांस खाने से परमात्मा की प्राप्ति होती तो सबसे पहले मास खाने वाले जनवरो को होती, जो केवल मास ही खाते है, मांस खाने वाले परमात्मा के बताए विधान को तोड़ कर दोषी बन रहे है !! @SaintRampalJiM https://t.co/4fLxc4w0Kf

Say_No_To_Alcohol

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शराब गृह क्लेश को जन्म देती है व आर्थिक, शारीरिक, सामाजिक बदहाली अपने साथ लेकर आती है। इससे दूरी रखना ही समझदारी है। अधिक जानकारी के लिए देखें श्रद्धा टीवी चैनल पर दोपहर 2:00 से @PMOIndia https://t.co/Zmjggi7pHq

तम्बाकू की उत्पत्ति

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तम्बाकू की उत्पत्ति एक ऋषि तथा एक राजा साढ़ू थे। एक दिन राजा की रानी ने अपनी बहन ऋषि की पत्नी के पास संदेश भेजा कि पूरा परिवार हमारे घर भोजन के लिए आऐं। तम्बाकू-की-उत्पत्ति मैं आपसे मिलना भी चाहती हूँ, बहुत याद आ रही है। अपनी बहन का संदेशऋषि की पत्नी ने अपने पति से साझा किया तो ऋषि जी ने कहा कि साढ़ू से दोस्ती अच्छी नहीं होती। तेरी बहन वैभव का जीवन जी रही है। राजा को धन तथा राज्य की शक्ति का अहंकार होता है। वे अपनी बेइज्जती करने को बुला रहे हैं क्योंकि फिर हमें भी कहना पड़ेगा कि आप भी हमारे घर भोजन के लिए आना। हम उन जैसी भोजन-व्यवस्था जंगल में नहीं कर पाऐंगे। यह सब साढ़ू जी का षड़यंत्रा है। आपके सामने अपने को महान तथा मुझे गरीब सिद्ध करना चाहता है। आप यह विचार त्याग दें। हमारे न जाने में हित है। परंतु ऋषि की पत्नी नहीं मानी। ऋषि तथा पत्नी व परिवार राजा का मेहमान बनकर चला गया। रानी ने बहुमूल्य आभूषण पहन रखे थे। बहुमूल्य वस्त्रा पहने हुए थे। ऋषि की पत्नी के गले में राम नाम जपने वाली माला तथा सामान्य वस्त्रा साध्वी वाले जिसे देखकर दरबार के कर्मचारी-अधिकार

मनुष्य जीवन का उद्देश्य

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आज पूरे विश्व में कोरोनावायरस से पूरा विश्व पीड़ित है वैज्ञानिक व डॉक्टर सभी ने हाथ खड़े कर रखे हैं, जबकि वेदों में प्रमाण है कि पूर्ण परमात्मा की भक्ति करने से कोरोनावायरस व भयंकर से भयंकर बीमारी भी समाप्त हो सकती है। आज पूरे विश्व में सतगुरु रामपाल जी महाराज जी ही शास्त्र अनुकूल भक्ति बता रहे हैं। गीता अध्याय 16 श्लोक 23 में बताया है कि शास्त्र विरुद्ध साधना करने से कोई लाभ नहीं होता है ।अतः सभी से हाथ जोड़कर प्रार्थना है कि कोरोनावायरस से बचने के लिए सत भक्ति प्राप्त करने के लिए सदगुरु रामपाल जी महाराज जी से नाम दान लेकर मर्यादा में रहकर भक्ति करें ।कोरोनावायरस  जैसी बीमारी भी कुछ नहीं बिगाड़ सकती। शास्त्र अनुकूल भक्ति के लिए देखिए साधना टीवी चैनल रोजाना शाम 7:30 से 8:30